फुसफुसाती परछाइयां चारों तरफ थीं जैसे कोई दरवाजे पर दस्तक दे रहा हो लेकिन वहां कोई न था भ्रम! नहीं, … More
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समृद्धि के सूरज चंदा, खुशियों के तारे भर दो
आओ आज सुनाएं बच्चों, अद्भुद एक कहानी। नए दौर के जीवन में तो, है यह बात पुरानी। बहुत सुने हैं … More
चंदा को हर बच्चा प्यारा, मेरा भी यह राज दुलारा
जहां हम बच्चों में जीवन देखते हैं, उत्साह देखते हैं वहीं अन्य जीव हमें स्वतंत्र एवं उन्मुक्त जीवन जीने की ओर … More
पलछिन-पलछिन की खुशियां हैं
जयपुर आकाशवाणी पर मैं बच्चों के लिए लिखता था। 1994 में मुझसे बच्चों के लिए जंगल-मंगल थीम पर कुछ लिखने … More